Aditya L1 कितने दिन में पहुंचेगा ? , ये है तारीख

Aditya L1 कितने दिन में पहुंचेगा ? अक्सर ये पूँछा जाता है की Aditya L1 सूरज के पास कब तक पहुंचेगा? , और ये कितनी दूरी तय करेगा ? तो आज हम Aditya L1 के बारे में सब कुछ जानेंगे और साथ ही हम जानेंगे कि आख़िर इसे क्यों भेजा जा रहा है , Aditya L1 कहाँ जाएगा और इसका बजट कितना है?

Aditya L1

अभी हाल ही में आपने सुना होगा कि भारत का तीसरा चंद्र मिशन सफल रहा और चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर दुनिया में सबसे पहले अपना झंडा फहराया। इससे भारतीयों के दिलों में गर्व और उल्लास की लहर दौड़ पड़ी और कई ISRO के वैज्ञानिकों के आसुओं ने ही खुशी जाहिर कर दी।

लेकिन जैसा कहा जाता है कि सफलता का कभी अंत नहीं होता, इसे बनाए रखने के लिए लगातार प्रयत्न करने पड़ते हैं। इन्ही प्रयत्नों में भारत ने अंतरिक्ष में अपना एक और यान भेज दिया है, जिसका नाम ’आदित्य’ एल 1 (Aditya L1) है।

Aditya L1 क्या है ? ( Aditya L1 mission in hindi)

जैसा कि आपको नाम से पता चल ही रहा होगा, ’आदित्य’ का मतलब होता सूरज या सूर्य। जिसका मतलब इसका पूरा मिशन सूरज की जांच के लिए होगा। इस मिशन की पहली बार योजना जनवरी 2008 में भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान की सलाहकार समिति द्वारा बनाई गई थी। चूंकि उस समय यह एक प्रायोगिक मिशन था। Aditya L1 एक अंतरिक्ष यान है जिसे भारत के ISRO द्वारा 2 सितंबर, 2023 के दिन अंतरिक्ष में भेजा दिया गया है ।

Aditya L1 कब लॉन्च हुआ ?

Aditya L1  शनिवार 2 सितंबर, 2023 की सुबह लगभग 11:50 बजे लॉन्च हो गया था। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरीकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष स्टेशन से लॉन्च किया गया था। अभी जो सफल चंद्रयान –3 मिशन अभियान था उसे 14 जुलाई, 2023 को लॉन्च किया था,  उसी के लगभग 50 दिन बाद ही Aditya L1 को लॉन्च कर दिया है। इसका वजन 1475 किलोग्राम हैऔर इसे लॉन्च करने के लिए PSLV-C57 नाम के रॉकेट का इस्तेमाल किया गया है।

AspectDetail
Launch DateSeptember 2, 2023
Launch Time 11:50 AM
Launch SiteSatish Dhawan Space Centre, Sriharikota, India
Launching RocketPSLV-C57
Duration to reach L14 months (Approx)
Mission Duration5.2 years
Number of Instruments7 Payloads
Distance to L1 from Earth1.5 million km

Aditya L1 क्यों भेजा जा रहा है ?

(aditya l1 kyu bheja jaega)

Aditya L1 को इसीलिए भेजा जा रहा है ताकि हम अंतरिक्ष मौसम ( Space Weather) को बेहतर ढंग से समझ सके। क्योंकि अंतरिक्ष मौसम सूर्य से निकलने वाले कणों और चुंबकीय क्षेत्र पर निर्भर करता है। सौर तूफ़ान से की वज़ह से सूर्य से निकलने वाले ये कण और चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी के वायुमंडल को प्रभावित कर सकते हैं और ख़राब मौसम का कारण बन सकते हैं। Aditya L1 का मक़सद सिर्फ़ एक ही है और वो है सूरज के बारे में गहराई से समझना। इस मिशन से हम अंतरिक्ष मौसम को भी समझ पाएंगे और इससे हम पृथ्वी को ख़राब मौसम से बचा पाएंगे।

Aditya L1  क्या करेगा ?

अब सवाल आता की आख़िर aditya l1 kya karega

तो जैसा कि आप जानते हैं कि हमारा सूरज पृथ्वी का सबसे नजदीकी तारा है। हमारे सौर मंडल का अस्तित्व इसी सूरज पर निर्भर करता है। Aditya L1 का मुख्य उद्देश्य सूरज और पृथ्वी के बीच मौजूद हैलो ऑर्बिट के नजदीक लैंगरेंज बिंदु (Lagrange point) या L1 तक पहुंचना है, जहां से यह सूरज के वायुमंडल का निरीक्षण करता रहेगा और जरूरी जानकारी ISRO तक पहुंचाएगा। Aditya L1 में 7 पेलोड (payloads) मौजूद हैं, अगर आप पेलोड नहीं जानते तो कंप्यूटर और तकनीकी भाषा में इसका मतलब जानकारी भेजने वाला उपकरण होता है। इन पेलोड के अंदर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक और पार्टिकल डिटेक्टर मौजूद है जिनका काम सूरज के क्रोमोस्फेयर, फोटोस्फेयर और सबसे बाहरी परत (जिसे कोरोना कहा जाता है) की जांच करना है। वे सोलर तरंगों और कोरोनल गर्मी की जांच करेंगे। चार पेलोड का काम सूरज की ओर सीधे देखना है और बाकी तीन पेलोड L1 प्वाइंट में मौजूद रहेंगे

Aditya L1 कब पहुंचेगा?

(Aditya L1 kitne din me pahunchega) इसके मंज़िल तक पहुंचने का सफर कोई मामूली सफ़र नहीं है। L1 की और जाने के लिए ये सबसे पहले धरती की निचली ऑर्बिट में जाएगा, फिर अपने प्रोपल्शन सिस्टम का इस्तेमाल करके ये अंतरिक्षयान L1 प्वाइंट की तरफ़ बढ़ेगा। ये अंतरिक्षयान जिस स्थान पर जाएगा वो स्थान पृथ्वी से 15 किलोमीटर की दूरी पर है , जो की बहुत ज्यादा है ।

ISRO ने बताया है की आदित्य L1 को L1 बिंदु तक पहुंचने के लिए 4 महीने लग जाएंगे। मतलब इसे अपनी मंज़िल पर पहुंचने के लिए 125 दिनों का समय लगेगा जिसकी पुष्टि स्वयं इसरो ने अपने आधिकारक बयान में की है।

Aditya L1 का खर्चा कितना है? (aditya l1 ka budget kitna hai)

Aditya L1 के पूरे मिशन का पूरा बजट लगभग ₹ 378.53 करोड़ है। इस बजट में यह सूर्य यान लगभग चार महीने लगाकर हैलो ऑर्बिट के L1 प्वाइंट में जाएगा। मगर इस मिशन में रॉकेट के लॉन्चिंग की कीमत अभी जोड़ी नही गई। लॉन्चिंग का खर्चा के ऊपर ISRO ने अभी जानकारी नहीं दी। लेकिन इतने कम बजट में यह भी भारत ने अपना अंतरिक्ष यान सूरज पर पहुंचने की योजना बनाई, यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है। इससे ज्यादा बजट में तो आज–कल अंतरिक्ष की फिल्में बनती हैं।

Aditya L1 के सफल होने से भारत को क्या फायदे हैं ?

अब अगर बात करें Aditya L1 का फायदा क्या है ? तो इसके बहुत सारे फायदे हैं। अगर Aditya L1 अपने मिशन में सफल हो जाता है तो वह अंतरिक्ष के क्षेत्र में और भी आगे बढ़ जाएगा। जैसे चंद्रयान–3 अपने मिशन में सफलतापूर्वक चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड होकर चांद से जुड़े और भी ज्यादा रहस्यों को जानेगा, वैसे हीं हमारा aditya L1 दुनिया के सामने सूरज से जुड़े और भी रहस्यों को दुनिया के सामने लाएगा। इस जरूरी जानकारी से इंसान अपने भविष्य को और भी बेहतर बनेएगा और अंतरिक्ष के रहस्यों को जानने में एक और कदम बढ़ा लेगा।

जहां भारत ने चंद्रयान 3 को चांद के साउथ पोल पर सफलापूर्वक लैंड कराकर इतिहास रच दिया है और भारत विश्व विजेता बन गया है, वहीं दूसरी भारत आदित्य L1 को लॉन्च करके और ऊंचा उठ जाएगा। जिससे ISRO दूसरे देशों के अंतरिक्ष संस्थानों का मार्गदर्शन करेगा।

FAQs

Aditya L1 का उद्देश्य क्या है?

Aditya L1 का मुख्य उद्देश्य सूरज से जुड़ी कुछ जानकारियों को इकट्ठा करना है।

Aditya L1 कहां पर जाएगा ?

Aditya L1 पृथ्वी और सूरज के बीच मौजूद हैलो ऑर्बिट के लेगरांजे प्वाइंट या L1 प्वाइंट पर पहुंचना है।

Aditya L1 का बजट कितना है?

Aditya L1 के पूरे मिशन का पूरा बजट लगभग ₹ 378.53 करोड़ है। मगर इस मिशन में रॉकेट के लॉन्चिंग की कीमत अभी जोड़ी नही गई।

Aditya L1 में कौन–कौन जाएगा?

Aditya L1 एक अंतरिक्ष यान है, जिसमे एक सेटेलाइट(satellite) मौजूद है। मतलब इसमें कोई भी इंसान बैठकर नहीं जाएगा।

Aditya L1 कितने दिनों तक रहेगा?

Aditya L1 मिशन 5.2 सालों तक सूरज का परीक्षण करेगा।

Aditya L1 कब आएगा ?

Aditya L1 कभी वापस नहीं आएगा और वह सूर्य की कक्षा में ही रहेगा।

Aditya L1 कितने दिन में पहुंचाएगा ।

ISRO ने बताया है की आदित्य L1 को L1 बिंदु तक पहुंचने में 4 महीने लग जाएंगे। मतलब इसे अपनी मंज़िल पर पहुंचने के लिए 125 दिनों का समय लगेगा

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