G20 इन दिनों बहुत ज़्यादा चर्चा में है। लेकिन सवाल ये आता है की आख़िर G20 क्या होता है?, G20 से क्या लाभ होगा ? G20 क्यों आयोजित होता है ?, G20 में क्या होता है ? G20 में कितने देश हैं 2023?, और उसका क्या उद्देश्य है? इन सभी सवालों के जवाब को जानेंगे इस लेख में।
वैसे तो, आप सभी जानते है, किसी काम को करने के लिए उसके कुछ नियम होते है, और उसको सही रूप से करने के लिए तरीके भी होते है, अगर कोई काम सही तरीके से ना किया जाय तो, इंसान को अनेक कठिनाइयां और जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है। ठीक उसी प्रकार ये बात देश पर भी लागू होती है। यदि देश का नेता समझदार और शिक्षित होगा तो देश के भविष्य,देश की जनसंख्या, अर्थव्यवस्था, आर्थिक मुद्दों, शिक्षा प्रणाली, विश्व वास्तुकला और देश को विस्तार रूप से मजबूती से आगे बढ़ाएगा। इस कार्यक्रम को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने के विदेशी सहयोग भी लेगा। इसके लिए एक मीटिंग का आयोजन किया जाता है, जिसमे सभी मुद्दों पर बातचीत करके निष्कर्ष निकाला जाता है। आइए जानते है, G20(ग्रुप ऑफ ट्वेंटी) के बारे में विस्तार से, और इसमें कौन -कौन से देश शामिल होते है।
G20 क्या है?
G20 kya hai in hindi : यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का मुख्य प्लेटफॉर्म है। यह सभी अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर विश्व संबंधी सिध्दांत को परिमाण देने और मजबूत करने में योगदान करता है। भारत G20 की मेज़बानी करता है, क्योंकि भारत पुराने समय से दुनिया के पहले लोकशाही की बनावट में प्रजातंत्र का जन्म स्थान है। G20 फ़ोरम को अपने जनतंत्र के लोकव्यवहार को दुनियां के सामने भेजने का अपूर्व अवसर देता है। इसमें 19 देश है, और एक देशों का संघ है। जिसे यूरोपीय संघ के नाम से जाना जाता है। इसमें 9 मेहमान देश के प्रतिनिधि है । भारत ने 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक इसकी अध्यक्षता संभाली है। यह भारत के लिए गर्व की बात है।
G20 के कुछ महत्वपूर्ण कार्य हैं:
- दुनिया की अर्थव्यवस्था को सुधारने बारे में चर्चा करना
- व्यापार और निवेश पर चर्चा करना
- जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा करना
- अंतरराष्ट्रीय समझ और सहयोग को बढ़ावा देना
G20 क्यों बनाया गया था?
आरंभ में यह वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों का संगठन हुआ करता था। क्योंकि इन्होने एशिया में आए आर्थिक संकट के बाद 1999 में वित्तीय मुद्दों और विश्वव्यापी आर्थिक मुद्दों पर विचार विमर्श करने के लिए अपने लिए G 20 कर के प्लेटफॉर्म की स्थापना की गई थी। इसका पहला सम्मेलन दिसंबर 1999 में ही जर्मनी के राजधानी बर्लिन में हुआ था। G20 केंद्रीय बैंक के गवर्नरों , सेंट्रल बैंक और वित्त मंत्रियों जैसे यह भारत के रिज़र्व बैंक के मंच के स्वरूप में नियुक्त हुआ है। 2007 में दुनिया ने भयानक मंदी को झेला था। जिसने सभी देशों को आर्थिक और वैश्विक रूप से बहुत ज्यादा प्रभावित किया। इसके बाद यह फैसला लिया गया कि साल में एक बार G 20 की बैठक की जाएगी। वर्ष 2009 में G 20 को अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग प्रमुख मंच का नाम दिया गया था। यह आपसी समझ, आर्थिक सहयोग और समर्थन के लिए विश्व का महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म बन गया।
G20 से क्या लाभ होगा ?
G20 se kya fayda hai : G20से भारत को बहुत सारे फायदे हैं :
- अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना : G20 के सदस्य देश के एकसाथ काम करने से आर्थिक विकास होगा । व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा , जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी , और वैश्विक आर्थिक तरीके में भी सुधार होगा ।
- दुनिया की चुनौतियों का समाधान : G20 के सदस्य देश एकसाथ मिलकर वैश्विक चुनौतियों जैसे कि जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और महामारी से निपटने का समाधान निकाल पाएंगे। वे वैश्विक स्थिरता और सुरक्षा को भी बढ़ावा देंगे।
- दुनिया में भारत की छवि अच्छी होगी : G20 में भारत की सदस्यता भारत की वैश्विक छवि को बढ़ाती है। अब भारत भी पूरी दुनिया में महत्वपूर्ण देश बन जाएगा ।
- भारत के लिए निवेश को आकर्षित करना: G20 के सदस्य देश भारत में निवेश को आकर्षित करते हैं। वे इसके माध्यम से भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं और भारत को एक वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में उभरने में मदद करेंगे।
- भारत दुनिया में एक अहम देश बन जाएगा : G20 में भारत की सदस्यता होने से भारत वैश्विक स्तर पर प्रमुख देशों मे से एक बन जाएगा । इससे भारत को वैश्विक मामलों में अपनी बात रखने और वैश्विक नीतियों को प्रभावित करने का मौका मिलता है।
कुल मिलाकर, G20 के सदस्यता से भारत को कई लाभ मिलते हैं और पूरी दुनिया में भारत की छवि और भी ज्यादा अहम हो जाएगी।
G20 में कितने देश है ?
G20 में 19 देश और यूरोपियन यूनियन है। ये सभी देश सभी विषयों पर विचार करके एक नई योजना का अवसर प्रदान करेंगे। ये देश इसमें शामिल है:
संख्या | G20 में शामिल देश | मुख्य सदस्य | पद |
1. | India | Narendra Modi | Prime Minister Of India |
2. | Argentina | Alberto Fernandez | President of Argentina |
3. | Australia | Anthony Albanese | Prime Minister of Australia |
4. | Brazil | Luiz Inacio | President Of Brazil |
5. | Canada | Justin Trudeau | Prime Minister of Canada |
6. | China | Li Qiang | Prime Minister of China |
7. | France | Emmanuel Macron | President of France |
8. | Germany | Olaf Scholz | Chancellor of Germany |
9. | Indonesia | Joko Widodo | President of the Republic of Indonesia |
10. | Italy | Giorgia Meloni | Prime Minister of Italy |
11. | Japan | Fumio Kishida | Prime Minister of Japan |
12. | Mexico | Andres Manuel | President of Mexico |
13. | South Korea | Yoon Suk Yeol | President of South Korea |
14. | Russia | Sergey Lavrov | Minister of Foreign Affairs of the Russian Federation |
15. | Saudi Arabia | Muhammed Bin Salman | Crown Prince of Saudi Arabia |
16. | South Africa | Cyril Ramaphosa | President of South Africa |
17. | Turkey | RC Erdogan | President of Turkey |
18. | United Kingdom | Rishi Sunak | Prime Minister of United Kingdom |
19. | United States of America | Joe Biden | President Of United States Of America |
20. | European Union | Charles Michael | President of the European Council |
इस मंच पर अन्य देशों को भी आमंत्रित किया है, इनकी भी अहम भूमिका होगी। ये सभी इस प्रकार है:
संख्या | महमान देश | मुख्य सदस्य | पद |
1. | Bangladesh | Sheikh Hasina | Prime Minister of Bangladesh |
2. | Comoros | Azali Assoumani | President of Comoros |
3. | Egypt | Abdel Fattah el-Sisi | President of Egypt |
4. | Mauritius | Pravind Jugnauth | Prime Minister of Mauritius |
5. | Netherlands | Mark Rutte | Prime Minister of Netherlands |
6. | Nigeria | Bola Ahmed Tinubu | President of Nigeria |
7. | Oman | Haitham Bin Tariq | Sultan of Oman |
8. | Rwanda | Paul Kagame | President of Rwanda |
9. | Singapore | Lee Hsien Loong | Prime Minister of Singapore |
10. | Spain | Pedro Sánchez | Prime Minister of Spain |
11. | United Arab Emirates | Mohamed bin Zayed Al Nahyan | President of UAE |
इन सभी देशों के अलावा भारत ने कई बड़ी और अहम आन्तराष्ट्रीय यूरोपियन यूनियनसंगठनों को भी आमंत्रित किया है :
संख्या | नाम | अर्थ |
1. | The UN | United Nations |
2. | WHO | World Health Organisation |
3. | WB | World Bank Group |
4. | WTO | World Trade Organisation |
5. | FSB | Financial Stability Board |
6. | AU | African Union |
7. | ILO | International Labor Organisation |
8. | OECD | The Organisation for Economic Cooperation and Development |
9. | AUDA-NEPAD | African Union Development Agency-New Partnership for Africa’s Development |
10. | ASEAN | Association of Southeast Asian Nations |
11. | IMF | International Monetary Fund |
G20 की कार्यप्रणाली
G 20 कर में समानांतर के दो समुदाय होते है :
1.शेरपा ट्रैक
(शेरपा हिमालय की वादियों में गाइड और कुली की तरह काम करते हैं,) और
2.वित्त ट्रैक,
शेरपा पक्ष की तरफ से जी-20 युक्ति का संगठन सभासद देशों के शेरपाओं द्वारा किया जाता है। जो नेताओं के प्राइवेट प्रतिनिधि होते है। वित्त ट्रैक का संचालन सेंट्रल बैंक के गवर्नर और सदस्य देशों के वित्त मंत्री करते है। ये दोनों अपनी अपनी अहम भूमिका निभाते है। दोनों ट्रैक के अंदर कार्य समुदाय की बैठक होती है। जिसमे सदस्य संबंधी मंत्रालयों के साथ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि और आमंत्रित/अथिति देश भाग लेते हैं। वित्त ट्रैक प्रमुख तरीके से वित्त मंत्रालय के संचालन में है। यह कार्य पक्ष के हर सभापति के पूरे कार्यकाल में निरंतर बैठके करते है।शेरपा पूरे साल के अन्तर्गत हुई बातचीत का अवलोकन करते है। शिखर सम्मेलन के लिए उत्तराधिकार के बारे में मीटिंग करते है।
G20 का सबसे ज्यादा आर्थिक रूप से मजबूती पर जोर देता है। अगर हम जीडीपी का अकड़ा लगाते है तो इसमें शामिल सभी देशों की कुल जीडीपी दुनियां के सभी देशों की 80 फ़ीसदी है। इसमें सभी शामिल संगठन इस प्रकार है। जो G20 में आमंत्रित होकर अपना योगदान देंगे। ये इस प्रकार है व्यापार संगठन (WTO), इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO), वित्तीय स्थिरता बोर्ड (FSB ) अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष (IMF), विश्व बैंक(WB),विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ,विश्व आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD), और क्षेत्रीय संगठन जैसे एशियाई विकास बैंक (ABD) ये सभी देश G20 की सभी एक्टिविटीज में आमंत्रित रूप से भाग के रहे है, भारत 50 से अधिक शहरों में 32 विभिन्न कार्य धाराओं , थीम और कार्यक्षेत्र में 200 से अधिक बैठकों की मेज़बानी करेगा। इन बैठकों में सभी विषयों पर चर्चा की जाएगी, और देश को नई दिशा की ओर बढ़ाया जाएगा, साथ ही हर क्षेत्र में देश को ओर विकसित किया जाएगा।
G 20 का Logo
G20का लोगो भारत के तिरंगे के ओजस्वी रंगो केसरिया, सफेद और हरे, तथा नीले रंग से प्रभावित करता है। इस लोगो डिजाइन के लिए एक खुली प्रतियोगिता हुई थी। भारत के राष्ट्रीय फूल कमल को प्रथ्वी ग्रह के साथ उपस्थित किया गया है जो साहस के बीच तरक्की को उजागर करता है। पुष्प के नीचे हिंदी में भारत 2023 और अंग्रेजी में इंडिया लिखा है। प्रथ्वी जीवन के समक्ष भारत के वातावरण उचित दृष्टिकोण से प्रेरित करती है। जिसका प्रकृति के साथ पहले से ही मेल है। G20 लोगो के नीचे देवनागरी लिपि में भारत लिखा है। आवश्यक ढंग से यह विषय सभी प्रकार की जीवन शैली मनुष्य, पोधे, पशु, और सूक्ष्मजीव – और प्रथ्वी एवं सारी दुनिया में उनके अच्छे संबंध को मजबूत करता है।
G 20 की थीम क्या है?
भारत के G 20 वार्तालाप का विषय (थीम) कुटुम्बकम” या “एक धरती, एक परिवार,एक भविष्य महा उपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया गया है। यह थीम विशिष्ट जीवनशैली के साथ साथ राष्ट्र विकास के दर्जे पर,अपने संबद्ध वातावरण शैली स्थिर और जिम्मेदार विकल्पों के साथ जिंदगी( पर्यावरण के लिए जीवन का रूटीन) पर भी रोशनी डालती है। जिसकी वज़ह से विश्वव्यापी लेवल पर परिवर्तनशील कार्रवाइयां होती है। जिसके कारण एक साफ सुथरा, हरा भरा, प्रकाशित भविष्य साकार होता है। G20 के अनुसार विश्व एक परिवार है। और इस परिवार का G 20 के द्वारा सुचारू रूप से हर संबंध में ध्यान रखा जाता है। क्योंकि कई देशों में संघर्ष और लड़ाइयां और अन्य समस्याएं लोगो और सभी वर्ग के जीवन पर पूरे तरीके से प्रभाव डाल रही है। G 20 के द्वारा इन सभी का समाधान संभव है।
भारत के दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व
इससे यह स्पष्ट होता है, लोगो और थीम मिलकर भारत के G 20 के वार्तालाप के विषय में एक प्रभावशाली मैसेज देते है। जो पूरे विश्व में सभी के लिए न्यायपूर्ण और एकसमान वृद्धि के स्थिर, समग्र, उत्तरदायित्व, समावेशी तरीके से कोशिश कर रहा है। वह भी उस स्थिति में जब हम विपरीत परिस्थितियों से गुजर रहे है। ये लोगो और थीम हम सभी की G20 अध्यक्षता के लिए उस अनोखे भारत के दृष्टिकोण प्रतिनिधित्व करते है। जो अपने आसपास के पारितंत्र के साथ संगति में रहना सिखाता है।
भारत के लिए, जी20 की अध्यक्षता की शुरुआत -अमृतकाल की शुरुआत है, इसकी अवधि 2022 से 25 साल तक ठहराई गई है, क्योंकि यह 15 अगस्त 2022 को शुरू किया गया था, और उस दिन भारत की आजादी की 75 वी वर्षगांठ थी। इसे आयोजित करने की अवधि आजादी के 100 साल तक है यानी के जब हमारी आजादी को 100 वर्ष हो जाएंगे,G20 की कार्यक्रम को 25 वर्ष पूर्ण हो जाएंगे। अब तो इसकी अध्यक्षता भारत कर रहा है, इसके बाद इसकी अध्यक्षता 2024 से ब्राज़ील करेगा, और सभी प्रकार के कार्यक्रमों की मेज़बानी करेगा।
G20 की वेबसाइट
पीएम मोदी के द्वारा भारत की G20 की अध्यक्षता की वेबसाइट www.g20.in को आरंभ किया गया। इस साइट को उस दिन स्टार्ट किया गया जिस दिन से भारत ने G20 की अध्यक्षता का पद संभाला (1 दिसंबर 2022,) उसी दिन G20 की वेबसाइट www.g20.org बिना किसी परेशानी के माइग्रेट हो गई थी। जी20 और लॉजिस्टिक्स के प्रबन्ध के बारे में सटीक जानकारी के अतिरिक्त इस वेबसाईट का प्रयोग G20 के संबंध में जानकारी की सामग्री को इकठ्ठा करने में किया जाएगा। इस वेबसाइट पर सभी नागरिक को अपने सुझाव रखने का वर्ग शामिल है।
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FAQs:
G20 की स्थापना कब हुई थी?
G20 की स्थापना 26 September, 1999 में हुई थी।
G20 का मतलब क्या है ?
G20 का मतलब ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (Group Of Twenty) ,यह यूरोपियन यूनियन और 19 देशों का एक समूह है जिसके नेता वैश्विक व्यवस्था को सुधारने पर चर्चा करते हैं।
G20 में कितने देश हैं ?
G20 में 19 देश और यूरोपियन यूनियन (EU) हैं ।
क्या G20 में पाकिस्तान है ?
नहीं, G20 में पाकिस्तान शामिल नहीं है।
क्या G20 में रूस है ?
हाँ, G20 में रूस भी शामिल है।
क्या G20 में Putin आ रहे हैं ?
G20 सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नहीं आ रहे हैं उनके स्थान पर रूस के विदेश मंत्री सर्जी लावरोव ( Sergey Lavrov) आ रहे हैं ।
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