महिला आरक्षण बिल में क्या है : अभी हाल ही में आपने खबरों में ‘महिला आरक्षण बिल’ के विषय में जरूर सुना होगा। इस बिल को जब संसद में प्रस्तुत किया गया था तो संसद में इसके ऊपर बहुत बहस हुई। जनता में से भी कुछ वर्ग के लोग इसके समर्थन में थे और कुछ वर्ग के लोगो ने इसका विरोध किया। लेकिन अगर आप जानना चाहते हैं कि क्या है ये बिल और इसके लागू होने से देश पर क्या प्रभाव पड़ेगा, तो आप आगे जरूर पढ़ें।
महिला आरक्षण बिल 2023 क्या है ?
19 सितंबर, 2023 को भारत की नई संसद की खास बैठक में भारत के कानून एवं न्याय के संघ मंत्री, अर्जुन राम मेघवाल ने संसद के समक्ष एक प्रस्ताव(Bill) पेश किया। इस प्रस्ताव के तहत महिलाओं के लिए लोक सभा और राज्य सभा में 33 प्रतिशत सीट आरक्षित कर दी जाएं। इस बिल को नारी शक्ति अभिनियम के तहत पेश किया गया था।
संसद में बिल से कानून कैसे बनता है?
जब संसद में यह प्रस्ताव रखा गया, तब संसद में इस पर बहुत बहस चली और कुछ सांसद इसके पक्ष में थे और कुछ इसके विपक्ष में खड़े हो गए। जैसा कि आपको भी पता होगा , यदि किसी प्रस्ताव को कानून बनाना होता है तो उसे लोक सभा और राज्य सभाओं से बहुमत में वोट प्राप्त करने होते हैं। जिसके बाद यह बिल राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षृत होने जाता है और जब राष्ट्रपति उस बिल पर हस्ताक्षर कर देता है तो वह प्रस्ताव संविधान मैं संशोधन बनकर एक कानून बन जाता है।
महिला आरक्षण बिल के विपक्ष में कौन थे ?
संसद में इस प्रस्ताव पर बहस 19 सितंबर तक चली और अगले दिन यानी 20 अगस्त, 2023 के दिन लोक सभा में मतदान हुआ। लोक सभा में मौजूद सभी जन प्रतिनिधियों ने इस बिल पर अपना वोट दिया और जब नतीजा आए तो 454 लोक सभा सदस्यों ने इस बिल के पक्ष में मतदान किया और 2
सदस्यों में इसके विपक्ष में मतदान दिया। पक्के तौर पर तो नही लेकिन यह खबर बहुत चर्चा में है कि इस बिल का विरोध करने वाले A.I.M.I.M ( ऑल इंडिया मजलिस–ए–इत्तेहादुल मुसिलमीन ) के नेता असिरुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज़ जलील थे। उनका यह मानना था की महिला आरक्षण बिल में मुस्लिम महिलाओं और ओ. बी. सी (अन्य पिछड़ा समाज) उम्मीदवारों को भी आरक्षण मिलना चाहिए
था।
21 सितंबर, 2023 में राज्य सभा में जब इस बिल पर मतदान हुआ तो 214 वोटों की पूर्ण बहुमत से यह बिल पारित हो गया। राज्य सभा में इस बिल के विरुद्ध एक भी वोट नही पड़ा।
संसद से पारित होने के बाद जब इस बिल को राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपति मुर्मू के समक्ष पेश किया गया तो उन्होंने भी इस बिल पर अपनी मंजूरी दे दी। अतः 19 सितंबर, 2023 के दिन संसद में प्रस्तुत किया गया महिला आरक्षण बिल संविधान का 128वां संशोधन बना।
महिला आरक्षण बिल के क्या फायदे हैं?
हमारा देश भारत एक विकासशील देश है और प्रगति की राह पर तीव्र गति से दौड़ रहा है। अक्सर यह देखा गया है कि जिन देशों में पुरुषों के साथ– साथ महिलाओं को भी जन प्रतिनिधित्व के अवसर मिलते है, वो देश संवैधानिक रूप से सशक्त बनते हैं और महिला शक्तिकरण होता है। इसके विपरित जिन देशों ने महिलाएं को अधिकारों को दबाकर रखा और केवल पुरुषों को ही उच्च पदों पर बैठकर रखा, वहां संवैधानिक अस्थिरता दिखाई दी, जो की देश के विकास के लिए बाधा का कारण बना।
वर्तमान में भारत की लोक सभा में 78 और संजय सभा में 24 महिला सदस्य हैं। जबकि पूरी लोक सभा में 543 और राज्य सभा में 245 सीटे हैं। यदि प्रतिशत में देखें तो लोक सभा में केवल 14.39 % और राज्य सभा में केवल 10.20 % ही सीटे पर महिला जनप्रतिनिधि है। इसी राष्ट्रीय विधान मंडल में भारत का स्थान 141वाँ है।
ये भी पढ़ें : वन नेशन वन इलेक्शन क्या है?
यदि किसी क्षेत्र मैं महिला एम. एल.ए या एम. पी होगी तो वहां महिलाओं के प्रति अपराधों की संख्या में अवश्य कमी आयेगी क्योंकि महिला होने के नाते महिलाओं के प्रति अपराधों को रोकने के लिए उनके द्वारा बनाई गई नीति पुरुषों की तुलना में बेहतर होंगी। यदि भारत के योग्य पुरुष और योग्य महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर देश की प्रगति के लिए समर्पित हो जाएं, तो एक दिन भारत अपनी नीतियों से अवश्य ही एक सुपर पावर बनकर उभरेगा।
FAQ:
महिला आरक्षण बिल कब लागू होगा?
महिला आरक्षण बिल को 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले लागू कर दिया जाएगा।
महिला आरक्षण बिल से महिलाओं को कितनी सीट मिलेंगी?
महिला आरक्षण बिल से महिलाओं को लोकसभा और राज्यसभा में 33 % सीट मिलेंगी।
पहली बार महिला आरक्षण बिल कब आया ?
पहली बार महिला आरक्षण बिल को 12 सितंबर, 1996 में संसद में लाया गया।
2023 में महिला आरक्षण बिल संसद में किसने पेश किया?
19 सितंबर, 2023 में भारत के कानून एवं न्याय के संघ मंत्री, अर्जुन राम मेघवाल ने संसद के सामने महिला आरक्षण
बिल को पेश किया।
महिला आरक्षण बिल का विरोध किसने किया?
महिला आरक्षण बिल का विरोध A.I.M.I.M ( ऑल इंडिया मजलिस–ए–इत्तेहादुल मुसिलमीन ) के नेता
असिरुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज़ जलील ने किया।
महिला आरक्षण बिल से किसको फायदा है ?
महिला आरक्षण बिल से भारत की महिलाओं को फायदा होगा जिससे देश के विकास में मदद होगी।
लोक सभा क्या है?
लोक सभा भारत के संसद के दो सदनो में से एक है। संवैधानिक रूप से यह लोगों का सदन है और इसे संसद का
‘निचला सदन’ भी कहा जाता है। इसमें कुल 542 सीटे हैं।
राज्य सभा क्या है?
राज्य सभा भारत के संसद के दो सदनों में से एक है। यह संसद की स्थायी निकाय है और इसे भंग नहीं किया जा
सकता। इसे ‘ऊपरी सदन’ भी कहा जाता है। इसमें कुल 245 सीटें हैं।
महिला आरक्षण बिल 2023 संविधान मै कौन सा संशोधन है ?
महिला आरक्षण बिल 2023 संविधान में 128वाँ संशोधन बना।
महिला आरक्षण बिल को संसद से कब पास किया ?
महिला आरक्षण बिल को संसद की लोक सभा से 20 सितंबर, 2023 और राज्य सभा से 21 सितंबर, 2023 के दिन पूर्ण बहुमत से पास किया गया ।