लूना 25 में इतनी लागत लगाने के बावज़ूद लूना 25 कैसे क्रैश हुआ ? और आखिर Luna 25 कैसे फेल हो गया ? साथ ही जानेंगे की Luna का क्या हुआ और ये कब क्रैश हुआ । Luna 25 crash reason in hindi
जब भारत के इसरो नें शुक्रवार 14 जुलाई, 2023 के दिन अपना चंद्रयान–3 लॉन्च किया था तो उसके 27 दिन बाद शुक्रवार 11 अगस्त, 2023 को रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोसकोसमोस ने लूना–25 नामक अपना अंतरिक्ष विमान लॉन्च किया था। इसका मिशन भी चंद्रयान–3 की ही तरह चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करना था और अगर ऐसा हो जाता तो भारत की जगह रूस चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखने वाला दुनिया का पहला देश बन जाता। लेकिन वो कहते हैं ना, कि समय से पहले और नसीब से ज्यादा किसी को नही मिलता इसलिए लूना–25 चाँद की सतह से टकराकर क्रैश हो गया।
लूना–25 कैसे क्रैश हुआ ?
रोसकोसमोस के वैज्ञानिकों ने जब 11 अगस्त को लूना –25 को धरती से लॉन्च किया था तो उनके केलकुलेशन के हिसाब से वह 21 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पे स्थित बोगसलोस्की नामक क्रेटर मतलब एक विशाल गड्ढे पर पहुंच जाएगा। लेकिन शनिवार 19 अगस्त, 2023 के दिन 11:57 (GMT) रोसकोसमोस से यह खबर आई कि कुछ तकनीकी कारणों से लूना–25 ने रूसी स्पेस स्टेशन से अपना संपर्क तोड़ दिया है और यह संपर्क लगभग 10 घंटो तक टूटा रहा। इसके बीच रोसकोसमोस ने लूना–25 से संपर्क स्थापित करने के कई प्रयास भी किए पर वे सारे प्रयास असफल रहे। ऐसा कहा गया है कि इसे चाँद पर लैंड कराने के लिए इसकी अक्ष को अंडाकार बनाया गया, जिसके लिए इसकी गति को भी तेज किया गया था।
आखिर में रविवार 20 अगस्त, 2023 के दिन रोसकोसमोस ने इस बात की पुष्टि कर दी कि उनका चाँद पर पहुंचने का मिशन पूरी तरह असफल हो गया है।
लूना–25 के क्रैश होने से रूस को क्या नुकसान हुआ ?
रूस (सोवियत यूनियन) दुनिया का पहला देश था जिसने अपना अंतरिक्ष यान चाँद पर भेजा। उस अंतरिक्ष यान का नाम लूना–2 था और उसने 14 सितंबर, 1959 के दिन पहली बार चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड किया था। इस बार भी लूना–25 की मदद से रूस का यही उद्देश्य था कि वह चांद के दक्षिणी ध्रुव को भी जीत ले। पूरी दुनिया का भी यही अनुमान था कि रूस और भारत के बीच में प्रथम आने की दौड़ में रूस ही जीतेगा, लेकिन लूना–25 के क्रैश होने से रोसकोसमोस की प्रतिष्ठा को बहुत ठेस पहुंचा है । रूस के लूना – 25 के इतने महंगे बजट और लूना 25 की गति इतनी तेज़ होने के बावजूद भी वह इसरो के 615 करोड़ के बजट के सामने हार गया।
लूना 25 का बजट कितना था ?
लूना 25 के चाँद पर क्रैश होने के बाद रूस को बहुत बड़ा झटका लगा है । एक तो रूस इतने दशकों से जी जान से तैयारी करता हुआ आया है जिसके लिए रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोसकोसमोस ( ROSCOSMOS) ने Luna 25 पर भारी भरकम बजट भी पास किया था। लेकिन अब रूस के आत्मसम्मान का तो नुकसान हुआ ही है साथ ही रूस के 47 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है । Luna-25 के मिशन का बजट ( luna 25 budget in indian rupees) तकरीबन 200 मिलियन डॉलर यानि की 16,63,14,00,000 रुपये था । रूस के लिए 1600 करोड़ के बजट का नुकसान उसके धन के नुकसान होने से भी बढ़कर है।
लूना–25 के क्रैश होने से भारत को क्या फायदा होगा ?
चंद्रयान–3 का पूरा मिशन 40 दिनों का है, जबकि लूना–25 को यही मिशन करने में केवल 10 दिनों का समय ही लगता। इससे यह समझ आता है कि लूना–25 की गति चंद्रायन–3 के मुकाबले लगभग 4 गुना थी। अगर यह क्रैश न करके 21 अगस्त को चाँद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंच गया होता तो रूस दुनिया का वो पहला देश बनता जो ये कारनामा करके दिखाता और भारत दूसरा बन जाता। लेकिन आपको भी यह मालूम है कि सभी पहले को याद रखते हैं, दूसरे नंबर पर कौन आया कोई याद नही रखता। लेकिन अब चूंकि लूना–25 क्रैश हो चुका है, भारत का चंद्रयान–3 23 अगस्त को इस उपलब्धि का हकदार बनेगा और भारत का झंडा चाँद के अंतिम छोर तक लहराएगा।
Luna 25 की लागत कितनी थी ?
Luna 25 की लागत 200 मिलियन डॉलर या 1600 करोड़ रुपए थी ।
Luna 25 किस देश का है ?
Luna 25 रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोसकोसमोस ( ROSCOSMOS ) का चाँद मिशन है ।
Luna- 25 कब क्रैश हुआ था ?
20 अगस्त , 2023 दिन रविवार को चाँद पर क्रैश हो गया था ।
Chandrayan 3 jaldi hi land hoga