इंडिया का नाम भारत क्यूँ हुआ ? | ये है इसकी असल वज़ह ?

इंडिया का नाम भारत क्यूँ रखा जा रहा है ? , इसके पीछे की कई वजहें हैं लेकिन इंडिया का नाम भारत क्यू पड़ा ,आखिर इंडिया का नाम भारत किसने रखा ? , और आज हम जानेंगे भारत सभी नामों की सच्चाई।

India named Bharat

अभी हाल ही में आपने सुना होगा कि भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है कि हमारे देश का
आधिकारिक नाम इंडिया से हटाकर भारत रखा जाएगा। मतलब पूरी दुनिया में हमारे देश को सभी
भाषाओं में भारत के नाम से ही बोला और लिखा जाएगा। ऐसा करने के पीछे का कारण क्या है और
इससे हमारे देश पर इसका क्या असर पड़ेगा यह जानने के लिए आगे पढ़ें ।

क्या है भारत का इतिहास ?

इस पृथ्वी पर सात महाद्वीप मौजूद हैं और उन्हीं में से सबसे बड़े एशिया महाद्वीप पर स्थित है हमारा
देश भारत। यह एशिया के दक्षिण में एक प्रायद्वीप देश है। इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 3,287,263 वर्ग
किलोमीटर है, जो इसे एशिया का तीसरा और पूरे विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश बनाता है। भारत विश्व
का पांचवा सबसे बड़ा आर्थिक समृद्ध देश है। इस देश का इतिहास वैसे तो बहुत प्राचीन है लेकिन अगर
वैश्विक रूप से बात करें तो इसकी खोज पुर्तगाल के नाविक, वास्को डी गामा द्वारा सन 1498 ई. में हुई
थी। इसके बाद से ही दूसरे देश समुद्र के रास्ते भारत में व्यापार करने आए।

भारत का नाम इंडिया कैसे पड़ा ?


वैसे तो हमारे देश का नाम इंडिया होने के पीछे बहुत सारे कारण हैं पर उनमें से जो सबसे ज्यादा माने
जाते हैं वो हैं :

  1. चंद्रगुप्त मौर्य के शासन काल में Greece यानी यूनान देश से मगस्थानिस नामक राजदूत भारत में
    आया था। उसने अपनी किताब में भारत को ’इंडीका‘ लिखा, जिसका लैटिन भाषा में अनुवाद होता है
    ‘इंडिया’।
  2. भारत में एक इंडस नदी बहती है जिसे जिसके आस पास ही इंडस घाटी सभ्यता बसी। संस्कृत में
    इंडस को सिंधु कहा जाता है। हमारे देश को इंडस नदी की वजह से इंडिया के नाम से जाना जाने लगा।

भारत का नाम हिंदुस्तान कैसे पड़ा ?

पर्शियन या फारसी भाषा में इंडस को ‘हिंदु ‘ कहा जाता है। 516 ई. पू. में जब आर्केमेनिड शासक
डेरियस –1 ने इंडस घाटी पे कब्जा किया तो उसके बाद से वहां से नीचे रहने वाले लोगो तो हिंदू के नाम
से जाना जाने लगा और लगभग पहली शताब्दी में मध्य पर्शिया में पहली बार हिंदुस्तान नाम आया।
‘स्तान’ शब्द का अर्थ होता है–कोई जगह या देश। अरबी भाषा में भारत को ‘अल–हिंद’ कहा जाने लगा।
जब भारत में दिल्ली सल्तनत और मुगलों का शासन था तभी ‘हिंदुस्तान’ नाम भारत में बहुत प्रचारित
हुआ और अंग्रेजी शासन में भी हिंदुस्तान नाम चला।

हमारे देश का नाम भारत कैसे पड़ा ?

जब 1950 में हमारे देश का संविधान बना तो उसके पहले अनुच्छेद में यह लिखा गया–” इंडिया यानी
भारत” लेकिन भारत शब्द का इतिहास बहुत पुराना है।
ऋग्वेद मैं 10 राजाओं के युद्ध का वर्णन है। इसी युद्ध में भारत नाम के वैदिक जनजाति के बारे में
लिखा गया है। ऐसा माना जाता है कि इसी भारत जनजाति से हमारे देश का नाम भारत पड़ा।

एक मान्यता ऐसी भी है कि महाभारत में राजा दुष्यंत और शकुंतला के बेटे भरत के नाम पर हमारे देश
को भारत के नाम से जाना जाने लगा।

पहली शताब्दी में राजा खरवेल के हाथीघुंपा शिलालेख में भारत के उत्तरी भाग को भारतवर्ष के नाम से
लिखा गया है और बाद में जब इसमें भारत का दक्षिण भाग भी शामिल हो गया।

हमारे पुराणों में बड़े बड़े देशों को ‘वर्ष ‘ कहा जाता है। भारत को दूसरे वर्षो से अलग करने के लिए पुराणों
में संस्कृत भाषा में यह भारतवर्ष के नाम से वर्णित है।
विष्णु पुराण के अनुसार सूर्य वंशी क्षत्रिय, ऋषभ और मरूदेवी के बेटे भरत के नाम पर इस देश का नाम
भारत पड़ा। श्रीमद् भागवत पुराण के अनुसार ऋषभ के 100 बेटे थे। उनमें से भारत सर्वश्रेष्ठ थे और
उन्ही की वजह से लोगो ने साम्राज्य का भारतवर्ष नाम रख दिया।

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इंडिया का नाम भारत क्यों रखा जा रहा है ?

यह बहुत दुख कि बात है कि भारत देश पर 150 सालों तक अंग्रेजो ने राज किया। इसे अपना गुलाम
बनाया और अपने फायदे के लिए लोगो का शोषण किया। इस देश को ‘इंडिया ‘ नाम अंग्रेज़ों द्वारा दिया
गया है जबकि भारत नाम प्राचीन काल से है। यही सोचकर भारत सरकार ने यह फ़ैसला लिया है कि
इंडिया नाम हटाकर ‘भारत ‘ के नाम से ही हमारे देश को मान्यता दी जाए । संविधान में इसके संशोधन के
लिए 18–20 सितंबर की संसद एसेंबली में प्रस्ताव रखा जायेगा। अभी तो आपको पता होगा कि भारत में
9 से 10 सितंबर के दिन G–20 की बैठक की गई थी, जिसमें दुनिया के 20 सबसे बड़े आर्थिक रूप से
समृद्ध देशों ने हिस्सा लिया था। उसके निमंत्रण के लिए, निमंत्रण पत्र पर अंग्रेजी में प्रेसिडेंट ऑफ
इंडिया ” President of India ” की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत “President of Bharat” लिखा गया था। यह
इंडिया को भारत बनाने की कोशिश में पहल थी।

इंडिया का नाम भारत रखने से देश को क्या फायदा होगा ?

इंडिया का नाम भारत रखने में केंद्र सरकार को लगभग ₹14000 करोड़ का खर्च आएगा। वैसे तो इससे
भारत को कोई आर्थिक फायदा नहीं होगा लेकिन हमारे देश पर जो अंग्रेजी शासन की छाप छूट गई है
उससे स्वतंत्रता मिल जाएगी। यह इंडिया नाम हमारा वास्तविक नाम नही है बल्कि अंग्रेजी में जब हमे
150 सालो तक लूटा, उस समय हमे यह नाम दे दिया इंडिया। अब जब अंग्रेज ही यह से चले गए हैं तो
हमें इस इंडिया नाम की कोई जरूरत नहीं है। हम अपनी पहचान भारत जैसे महान नाम से रखेंगे
जिसका इतिहास स्वर्णीय था और इसी प्रयास में हम अपना इतिहास दोबारा रचेंगे।

FAQs:

भारत किस महाद्वीप पर स्थित है ?

भारत दुनिया के सबसे बड़े महद्वीप, एशिया पर स्थित है।

इंडिया का नाम भारत रखने में कितना खर्चा आएगा ?

भारत सरकार को नाम देश का नाम बदलने के लिए लगभग 14000 करोड़ खर्च करने पड़ेंगे।

इंडिया का नाम भारत कब रखा जाएगा ?

18–20 सितंबर के दिन भारत की संसद में असेंबली बैठक होगी और इंडिया का औपचारिक नाम भारत करने प्रस्ताव रखा जायेगा। उसके बाद ही इंडिया का नाम हमेशा के लिए भारत हो जायेगा।

G– 20 की बैठक 2023 में कब और कहां हुई थी ?

G–20 की बैठक 2023 में भारत की राजधानी नई दिल्ली में 9 से 10 सितंबर तक हुई थी।






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